RV1.4,
AV20.68 Bounties
from a cow
गौपालन से उपलब्धियां
मधुच्छन्दा वैश्वामित्र: । इन्द्र: । गायत्री ।
Creates a
civilized society
सभ्य समाज बनता है
1.सुरूप कृत्नुमूतये सुदुघामिव गोदुहे । जुहूमसि द्यविद्यवि ।।RV 1.4.1,AV20.68.1
Daily
efforts in service of good milk giving cows bless us with beautiful bounties.
प्रति दिन प्रचुर दुग्ध प्रदान करने वाली गौवों की
सेवा से सुन्दर समाज का विकास
होता है।
Cows are knowledge enhancers
गौ बुद्धि बढ़ाती है
2. उप नः सवनागहि सोमस्य सोमपाः पिब । गोदा इद्रेवतोमदः ।।
RV 1.4.2, AV20.68.2
Cows
give our vision to make knowledge creating hubs that increase our knowledge
resource, makes us more enterprising to be more prosperous and happy.
गौवों से दिव्य चक्षु मिलते हैं, गौ पालन से पुरुषार्थी स्वभाव बनता है, जो सुख और संपन्नता लाता है ।
Facilitates Meditation
परमेश्वर का साक्षात्कार होता है
3. अथा ते अन्तमानां विद्याम सुमतीनाम् । मा नो अति ख्य आ गहि ।।RV 1.4.3, AV20.68.3
Makes us hear the voice of our
conscience in Meditation
ध्यानवस्था में हर विषय पर सुमति हमारे हृदय में अंतरमन में
ही मिलती है. हम अपने अंतर्मन की सुमति का कभी तिरस्कार न करें.
Best Counsel
4.परेहि विग्रमस्तृतमिन्द्रं पृच्छा विपश्चितम् । यस्ते सखिभ्य आ वरम् ।। RV1.4.4, AV20.68.4
May we learn to never ignore the voice of our conscience
हमारी अंतर आत्मा की आवाज़ ही सब से अधिक हितकारी सलाह सिद्ध
होती है.
Enables good articulation
5.उत ब्रुवन्तु नो निदो निरन्यतश्चिदारत । दधानेन्द्र इद दुव: ।। RV1.4.5, AV20.68.5
Our speech becomes sweeter and
civil
वाणी सदैव उत्तम भद्र बोलें कभी भी अभद्र निंदात्मक अपशब्द
न बोलें
Peace loving temperament
6. उत नो सुभगाँ अरिर्वोचेयुर्दस्म कृष्टय: । स्यामेदिन्द्रस्य शर्मणि ।।RV 1.4.6, AV20.68.6
A change is brought about in our
temperament to earn our living by hard work and fair means. Our prosperity and
conduct forces even our enemies to be envious.
हमारा उत्तम श्रमशील जीवन यापन द्वारा प्राप्त सौभग्य
समृद्धि तथा भद्र व्यवहार हमारे शत्रुओं को भी हमारी प्रशंसा करने के लिए बाध्य
करें.
Makes us Virile & Productive
7. एमाशुमाशवे भर यज्ञश्रियं नृमादनम् । पतयन् मन्दयत्सखम् ।RV 1.4.7, AV20.68.7
Virility is established in our
physical body and temperaments to bring forth good progeny and be good
achievers in life.
वीर्य
वृद्धि से पौरुष द्वारा उत्तम संतान और सोम वृद्धि से जीवन मे उन्नति समृद्धि प्राप्त कराती है.
Removes obstacles to prosperity
अस्य पीत्वा शतक्रतो घनो वृत्राणामभव: । प्रावो वाजेषु वाजिनम् ।। RV1.4.8, AV20.68.8
Our ability is strengthened to
perform thousands of tasks to beat all obstacles in the path of our prosperity.
उत्पन्न
सोम द्वारा विजय श्री प्राप्त करने के लिए हम शतक्रतु – सेंकड़ों शुभ कार्य करने
वाले बनते हैं .
All round Prosperity
तं त्वा वाजेषु वाजिनं वाजयाम: शतक्रतो । धनानामिन्द्र सातये ।।RV 1.4.9, AV20.68.9
Cow develops the inventive temperament to accomplish
innumerable techniques required for improving daily life.
(शतक्रतो) असंख्य वस्तुओं के विज्ञान को रखने वाले
(धनानाम्) पूर्ण विद्या और सामर्थ्य को सिद्ध करने वाले पदार्थों का (सातये) अच्छे
प्रकार सुख भोग करने के लिए (वाजेषु वाजिनम्) प्राप्त करने में समर्थ (त्वा
वाजयाम:) नित्य प्रति जानने और प्राप्त करने के प्रयत्न करते हैं.
Cows
provide Divine Blessings
प्रभु कृपा रहती है
यो रायो3वनिर्महान्त् सुपार: सुन्वत: सखा । तस्मा इन्द्राय गायत ।।RV 1.4.10, AV20.68.10..
Makes possible divine blessings by
friendly role of the Almighty/
जो
असंख्य धनधान्य से समृद्धि देने वाला परमेश्वर है वह एक सखा के रूप में ( गोसेवक
के ) साथ रहता है, उसी का गुणगान सब करते हैं.