हिंदु कौन है वेदों के अनुसार –जिस के राष्ट्र में गौ की रक्षा होती
है
हिङ्कृण्वती वसुपत्नी वसुनां
वत्समिच्छन्ती मनसा
न्यागन्।
दुहाम्श्विभ्यां पयो अघ्न्येयं
सा वर्धतां
महते सौभगाय।। अथर्व 7.77.8
श्रेष्ठ धनों को पुष्ट करने वाली
गौ हृदय से बछड़े की कामना करती हुई हिं हिं कर के रंभाती हुई नित्य आवे । यह कभी न मारने योग्य गोमाता अश्वियों* के लिए भी दूध का दोहन कराए. वह (गोमाता) हमारे महान सौभाग्य के लिए वृद्धि को प्राप्त हो.
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अनाथ घोड़े के बच्चों को
गाय के दूध पर पाले जाने की भारतीय
प्रथा आज भी विश्व में प्रचलित है
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इस वेद मंत्र में
गोपालन और गोसम्वर्धन को मानव जाति की समृद्धि और सौभाग्य का मूल मंत्र बताते हुए हिन्दु जाति के नाम निर्देशपूर्वक उस की विशेषताओं
का भी वर्णन किया गया है. मूल मंत्र के दोनों पादों के प्रथम अक्षरों से प्रत्याहार
प्रणाली से हिन्दु शब्द की निष्पत्ति हुई है. ऋचा संकेतदेती
है कि हिन्दु वह है जिस के आंगन में हिं हिं
करती हुई सवत्सा गाय यज्ञादिदेवकार्य के लिए
दुहीजाती है और जिस के (हिन्दु के) शासन में जिस के देश तथा राज्य में गौ अघन्या बन
कर निरंतर फूलती फलती है. जहां गो रक्षण होता है वह राष्ट्र सर्वदा सौभाग्य और समृद्धि
को पाता है.