Vedic Life Agnihotra and cows
AV7.73 – मनुष्यकर्तव्योपदेश:अग्निहोत्र और गोपालन
1-5 अश्विनौ; 6,7 सविता, 8,11 अघ्न्या; 9,10 अग्निर्देवता
1.समिधो अग्निर्वृषणा रथी दिवस्तप्तो घर्मो वामिषे मधु |
वयं हि वां पुरुदमासो अश्विना हवामहे सधमादेषु कारव: || अथर्व 7.73
प्रात:कालीन प्रकाश के रथ पर प्रकट सूर्योदय और यज्ञ से दिंचर्या आरम्भ कर के, हम दोनो ( पति पत्नि) गौओं के धारोष्ण अमृत को दुह कर दोनो (पति पत्नि) की इच्छापूर्ति और प्रदूषण के दमन के दोनो पुण्य कार्यों में हर्षित होते हैं.
With the dawn of the day heralded by the chariot of light and our offerings in fire for the morning agnihotra, we the twins (Husband and wife) actively participate in milking the warm nectar of cows, for fulfilling our desires and thus performing our duty.
2.समिद्धो अग्निरश्विना तप्तो वां घर्मं आ गतम् |
दुह्यंते नूनं वृषणेह धेनवो दस्रा मदंति वेधस: || अथर्व 7.73.2
इन दोनो शुभ कार्यों (अग्नि होत्र और गोदोहन) के द्वारा प्रदीप्त तेजस्वी ऐश्वर्ययुक्त दोनो पराक्रमी (पति पत्नि) के द्वारा रोगनाशक पर्यावरण और गोदोहन में बुद्धिमान जन हर्षित होते हैं.
By the two actions of (Agnihotra in the morning and milking of the cows here) you are bringing to all the warmth of well being (nutritive food from cow) and clean environment (by performing Agnihotra).
3. स्वाहाकृत: शुचिर्देवेषु यज्ञो यो अश्विनोश्चमसो द्वपान: |
तमु विश्वे अमृतासु जुषाणा गन्धर्वस्य प्रत्यास्म्ना रिहन्ति || अथर्व 7.73.3
दोनो चतुर ( पतिपत्नि) के आलस्य त्याग कर स्वाहाकृत सुंदर स्वच्छता प्रदान करने वाला यज्ञ मेघ और मुख द्वारा ग्रहण करने योग्य अमृत प्रदान करता है जो दोनो रक्षणीय और प्रशंसनीय हैं.
These two morning actions Agnihotra and milking the Cows by you two ( the husband wife team) by giving up your laziness, bring delight to the perceptive folk (Gandharwas of world) by helping rain clouds ( by Agnihotra) and providing food (through Cows).
4.यदुस्रियास्वाहुतं घृतं पयोSयं स वामश्विना भाग आ गतम् |
माध्वी धर्तारा विदथस्य सत्पती तप्तं घर्मं पिबतं रोचने दिव: || अथर्व 7.73.4
जैसे गौओं से प्राप्त दोनो दुग्ध और घृत, दोनो चतुर पति पत्नि के पराक्रम से प्राप्त हो रहा है, वै से ही सत्पुरुषों की रक्षा के लिए मधुविद्या (वेदों का सब समाज मे सामंजस्य स्थापित कर के आपसी व्यवहार का उपदेश) जानने योग्य है. इन दोनो का सूर्य के प्रकाश में ऐश्वर्ययुक्त और प्रकाशमान जीवन प्राप्त करो.
Just as the twins of milk and ghee are made available from cows, by the efforts of this clever twin (the team of husband and wife) for the preservation of society the wisdom of Vedas that teaches all to live together in peace and harmony, bask in glory of the twins of prosperity and an open free society and enlightened life.
5.तप्तो वा घर्मो नक्षतु स्वहोता प्र वामध्वर्युश्चरतु पयस्वान् |
मघोर्दुग्धस्याश्विना तनाया वीतं पातं पयस उस्रियाया: || अथर्व 7.73.5
चतुर दोनो (पति पत्नि) ऐश्वर्ययुक्त हिंसा रहित प्रकाशमान (वैदिक याज्ञिक जीवन शैलि का उपदेश) गोदुग्ध गरम दुग्ध और तपाया हुवा गोघृत दोनो स्वास्थ्य और यज्ञ युक्त जीवन शैलि दोनो से ईश्वर ज्ञान और समाज की रक्षा दोनो को प्राप्त करो.
The clever twins (team of husband wife) lead a life of love and peace in society. Twin strategy of Vedic life style of agnihotras and wisdom for seeking blessings of Divine and protection of environment are provided by Cow enabled twins of warm milk and heat clarified ghee.
6.उप द्रव पयसा गोधुगोषमा घर्मे सिञ्च पय उस्रियाया: |
वि नाकमख्यत्स्वविता वरेण्योSनुप्रयाणमुषसो वि राजति || अथर्व 7.73.6
इस प्रात: कालीन वेला में सविता देव ने वरणीय सूर्य द्वारा अंधकार रहित प्रकाश से स्वर्ग स्थापित कर दिया है. हे गोधुक् गौ को दोहने वाले, तुम शीघ्र आकर धारोष्ण गोदुग्ध प्रदान करो.
By the grace of Savita Dev, morning sun has banished the darkness of night and established the glory of day light. O care taker of Cows, hurry up to provide us with fresh from cow’s udder raw warm milk
7. उप ह्व्ये सुदुधां धेनुमेतां सुहस्तो गोधुगुत दोहदेनाम् |
श्रेष्ठं सवं सविता साविषन्नोSभीद्धो घर्मस्तदु षु प्र वोचत् || अथर्व 7.73.7
सुख से दुहाने वाली इस गौ को बुलाता हूं. सधे हुए कुशल हाथों से गौ का दोहन हो. सब को उत्तम प्रेरणा देने वाली वृत्तियों से धारोष्ण दुग्धादि पदार्थ हमें उपलब्ध हों.
We reckon with cows of friendly temperaments. Trained skilled hands are employed to milk the cows. All round wisdom and cooperation in the efforts of maintaining good cow ensure healthy clean raw milk to the community.
8. हिङ्कृण्वती वसुपत्नी वसूनां वत्समिच्छन्ती मनसा न्यागन् |
दुहामश्विभ्यां पयो अघ्न्येयं सा वर्धतां महते सौभगाय || अथर्व7.73.8
(पञ्च्गव्य द्वारा) श्रेष्ठ धनों को पुष्ट करने वाली गौ, हृदय से बछड़े की कामना करती हुई रंभाति हुई हमारे महान सौभाग्य के लिए हमारे (घर में) नित्य विराजमान हो.
Best riches in life are provided by panchgavy( Five products from cow namely Milk, curds, butter, Urine and Dung). We pray that for our good luck and well being cow may always stay in our home.
9.जुष्टो दमूमा अतिथिर्दुरोण इमं नो यज्ञमुप याहि विद्वान् |
विश्वा अग्ने अभियुजो विहत्य शत्रूयतामा भरा भोजनानि || अथर्व 7.73.9
विद्वान यज्ञाग्नि का प्रिय अतिथि की तरह प्रेम पूर्वक पोषण और सत्कार करते हैं. जिस से वह हमारे (पर्यावरण प्रदूषण) रूपि शत्रुओं का विनाश करती है.
For protect themselves from harm causing environments and negative mental attitudes, wise men nurture , love and feed the Agnihotra fire like welcome guest.
10. अग्ने शर्घ महते सौभगाय तव द्युम्नान्युत्तमानि संतु|
सं जास्पत्यं सुययमा कृणुष्व शत्रूययतामभि तिष्ठा महांसि || अथर्व 7.73.10
यज्ञाग्नि हम दोनों (पति पत्नि) महान सौभाग्य के हेतु, हमें तेजस्वी, उत्साहवान और सुदृढ़ बना कर शत्रुता पूर्ण आचरण करने वालो को हमारे मुकाबले में शिथिल करे.
Fire of Yagnas brings all the best bounties in life and provides with cheerful positive temperaments. Yagnas also weaken the forces opposing our wellbeing.
11 सूयवसाद्भभगवती हि भूया अधा वयं भगवंत: स्याम|
अद्धि तृणमघ्नये विश्वदानी पिबं शुद्धमुहकमाचरंती || अथर्व 7.73.11
(हमारी गौमाता) सुंदर यवादि खाती हुई भाग्यवती हो जिस से हम भाग्यशाली बनें. हमार गौ सदा (गोचर में) तृणादि खाती और शुद्ध जल का पान कर के विचरे.
Our cow may always self feed in pasture to get green nutrition, and get excellent water to drink to bring good luck to our life.
No comments:
Post a Comment