Thursday, May 12, 2016

Importance of Cow in Vedas

वेदों में गौ सम्बोधन पोषण प्रदायक दिव्य शक्तियों के लिए हुआ है |पशु रूप गौ पर भी यह सब परिभाषा पूरी तरह से लागू होती है |
In Vedic language all word Go गो represents all Poshan daayak पोषण दायक - thriving, prosperity, abundance, wealth, growth providers. All these terms equally apply to physical Cow

Salutation: गोस्तुति  
 Y-3-20 Importance of Cow  
 Addressing the Cow-
अन्ध स्थान्धो वो भक्षीय मह स्थ महो वो भक्षीयोर्ज स्थोर्जं वो भक्षीय रायस्पोष स्थ रायस्पोषं वो भक्षीय ।। यजु-3-20
गौ ही अंध:- अन्नदात्री, मह-वीर्यदात्री,उर्जा- बल व प्राणदात्री, रायस्पोष- धन का पोषण करनेवाली हैं.    - -
हे गौ तुम भी  सब इच्छा  करने योग्य पदार्थों का अक्षय प्राप्ति स्थान हो। (सबसे प्रथम इच्छा करने योग्य पदार्थ अन्न है।) यह भक्षणीय पदार्थ हमारे ऊर्जा, सुख, समृद्धि का  साधन है।

Cows you are the provider of most desirable objects. Food is the first most desirable. Food provides sustainable energy for our joys of wellbeing and prosperity. Cows are the provider of all. (First Bible prayer is also 'Give us this day our daily bread')

 रेवती रमध्वमस्मिन्योनावस्मिन्गोष्ठेऽस्मिँल्लोकेऽस्मिन् क्षये । इहैव स्त मापगात।। यजु 3-21
हे गौ तुम वास्तव में विश्व की ,  इस भूमि की , हमारे निवास स्थान की परम धरोहर हो । तुम हमारे समीप ही सदा  रहो। हमें छोड़ कर मत जावो।
( गौ ही घर का वास्तविक धन है. गौ के घर पर  न रहने से  शरीर,मन व बुद्धि सब ह्रास हो जाता है , मानव  निर्धन बन जाता है. शरीर रोगी हो जाता है, मन मलिन हो जाता है, और बुद्धि मन्द हो जाती है.) 

Cows you are the embodiment of entire desirable wealth, on our lands and in our homes in this world.  Live here with us with our love in peace and never go away  from us.

 संहितासि विश्वरूप्यूर्जा माविश गौपत्येन।
        उपत्वाग्ने दिवे दिवे दोषावस्तर्ध्दिया वयम्‌।
        नमो भरन्त एमसि ।। यजुर्वेद 3.22
गौ माता विश्व के लिए बुद्धि रूप गुणयुक्त सब पदार्थ, अन्नादि के भरण, प्रतिदिन अग्नि ऊर्जा प्रदान करने के साधन  उपलब्ध कराती है। यथार्थ में गौ  का पृथ्वी पर वेदों जितना ही महत्व है। हम गौ को पूजनीय मानते हैं।

Cows have the same importance for the world as Vedas. The cows are responsible for the beautiful glow of brilliance and energy of the world. Day by day growing bounties in the world flow from the cows.  We pay homage to bountifull cows
1.04 राजन्तमध्वराणां गोपमृतस्य दीदिविम्‌ |
        वर्द्धमानँ स्वे दमे || ऋ1.1.8, यजुर्वेद 3.23
श्री प्रदान करने वाले सब पदार्थ, और उन के उत्पादन के प्रबन्ध की क्षमता गौ के ही अक्षय प्रताप से उपलब्ध होती  हैं 

 Cows provide action oriented temperaments to attain and develop skills for continuous flow of sustainable of prosperity.

इड एह्यदित्‌ एहि काम्या एत |

मयि व: कामधरणं  भूयात्‌ || यजु 3.27
(हे इडे एहि) हे अन्नरूप गौ ! यहां आ | (हे अदिते! एहि) हे दीनता दूर करने वाली गौ ! यहां आ | (हे काम्या: ) हे सब की कामनाएं पूर्ण करने वाली सब की प्रिय गौ ! यहां आ | (व: कामधरणं  मयि भूयात्‌ ) तुम्हारे अंदर जो सब कामनाएं पूर्ण करने की शक्ति है वह मेरी भी हो |

Cow is called Id.  In Vedic language Id stands for Earth, Food, Speech, Desires and prayers. Cow also fulfils all these. Cow also removes destitution/ poverty. We pray that by presence of cows amongst us, we are blessed with all these bounties through cow.

 Yaju 4.19
 चिदसि मनासि धीरसी दक्षिणासि क्षत्रियासि यज्ञियास्यदितिरस्युभयत: शीर्ष्णी। सा न: सुप्राची सुप्रतीच्येधि मित्रस्त्वा पदि बघ्नीतां पूषाऽध्वनस्पात्विन्द्रायाध्यक्षाय।। Yaju 4.19
 हे गौ !  तुम चेतना प्रदान करने वाली चैतन्य रूपा हो | धी:-  बुद्धि ज्ञान का साधन हो | दक्षिणासि - समस्त कार्यों में दक्षता प्रदान करने वाली हो | क्षत्रियासि - क्षति से रक्षा करने वाली हो | यज्ञों का साधन हो ,मानव जीवन को यज्ञमय बनाती हो |अदितिअसि- जीवन को भोग विलास अलस्य से बिखरने नहीं देती  | उभयत:  शीर्ष्णी – मस्तिष्क को वर्तमान की  और दूरदर्षिता  दोनों प्रकार की दृष्टि देती हो | उत्तम श्रेष्ठ व्यवहार से प्रत्यक्ष में और अप्रत्यक्ष में सकारात्मक मैत्री भाव द्वारा ( मधु विद्या द्वारा ) परम ऐश्वर्य प्रदान कराने  के ,पूषा अध्वन: पातु मार्ग - में सहायक बन कर
कठिनाइयों से रक्षा करती हुई , बध्नताम्‌ - हमें सब बंधनों से मुक्त करती हो |
Cow is the motivator of mind and intellect, provider of strength and valour to warriors, gives indestructible power, through to sides direct & indirect, friends of cow hold  fast on their feet to their path to prosperity, who provide properly for cow and protect her.



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